Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube
    • Home
    • About Us
    • Contact Us
    • MP Info RSS Feed
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Dainik Ajay Ujala
    • Home
    • देश
    • विदेश
    • राज्य
    • मध्यप्रदेश
      • मध्यप्रदेश जनसंपर्क
    • छत्तीसगढ़
      • छत्तीसगढ़ जनसंपर्क
    • राजनीती
    • धर्म
    • अन्य खबरें
      • मनोरंजन
      • खेल
      • तकनीकी
      • व्यापार
      • करियर
      • लाइफ स्टाइल
    Dainik Ajay Ujala
    देश

    CJI चंद्रचूड़ ने उठाया सुप्रीम कोर्ट की लंबी छुट्टियों का मुद्दा, बोले- बातचीत शुरू करें और…

    By January 29, 2024No Comments4 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr WhatsApp Email Telegram Copy Link
    CJI चंद्रचूड़ ने उठाया सुप्रीम कोर्ट की लंबी छुट्टियों का मुद्दा, बोले- बातचीत शुरू करें और…
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn WhatsApp Pinterest Email

    प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ ने रविवार को ‘स्थगन की संस्कृति’ और लंबी छुट्टियों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि एक संस्था के रूप में प्रासंगिक बने रहने की न्यायपालिका की क्षमता के लिए जरूरी है कि वह चुनौतियों को पहचाने और कठिन संवाद शुरू करे।

    उन्होंने हाशिए पर मौजूद वर्गों का प्रतिनिधित्व बढ़ाने और पहली पीढ़ी के वकीलों को समान अवसर प्रदान करने पर भी जोर दिया।

    प्रधान न्यायाधीश शीर्ष अदालत की स्थापना के हीरक जयंती वर्ष के उद्घाटन के अवसर पर उच्चतम न्यायालय द्वारा आयोजित एक समारोह को संबोधित कर रहे थे।

    इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मुख्य अतिथि थे। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने भारत में हो रहे जनसांख्यिकीय परिवर्तनों पर भी प्रकाश डाला और कहा कि कानूनी पेशे में पारंपरिक रूप से महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम रहता था, लेकिन अब जिला न्यायपालिका के कार्यबल में उनकी हिस्सेदारी 36.3 प्रतिशत है। 

    प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने समाज के विभिन्न वर्गों को कानूनी पेशे में शामिल करने का आह्वान किया। उन्होंने रेखांकित किया कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का प्रतिनिधित्व ”बार और पीठ दोनों में काफी कम है।”

    प्रधान न्यायाधीश(सीजेआई) ने इसे देश के इतिहास में एक ‘महत्वपूर्ण अवसर’ करार देते हुए कहा कि अब भारत में महिलाओं को महत्वपूर्ण पदों पर देखा जा सकता है। उन्होंने कहा, ”समाज में हाशिये पर मौजूद वर्गों के व्यापक समावेश पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

    युवा आबादी का अपने पेशेवर जीवन में सफल होने का आत्मविश्वास भी उतना ही प्रेरणादायक है।” उच्चतम न्यायालय 28 जनवरी, 1950 को अस्तित्व में आया। वर्तमान भवन में स्थानांतरित होने से पहले यह संसद भवन से कार्य करता था। 

    सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, ”परंपरागत रूप से कानूनी पेशा कुलीन पुरुषों का माना जाता था। समय बदल गया है। पेशे में परंपरागत रूप से कम प्रतिनिधित्व वाली महिलाएं, अब जिला न्यायपालिका की कामकाजी ताकत का 36.3 प्रतिशत हैं।”

    प्रधान न्यायाधीश ने न्यायपालिका को प्रभावित करने वाले संरचनात्मक मुद्दों, जैसे लंबित मामलों, पुरानी प्रक्रियाओं और स्थगन की संस्कृति को भी रेखांकित किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि निकट भविष्य में इन मुद्दों का समाधान किया जाना चाहिए।

    उन्होंने कहा, ”न्यायाधीशों और प्रशासकों के रूप में हमारा प्रयास जिला न्यायपालिका की गरिमा सुनिश्चित करना होना चाहिए, जो नागरिकों के लिए संपर्क का पहला बिंदु है। एक संस्था के रूप में प्रासंगिक बने रहने की हमारी क्षमता के लिए जरूरी है कि हम चुनौतियों को पहचानें और कठिन संवाद शुरू करें।” 

    प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि स्थगन संस्कृति से पेशेवर संस्कृति की ओर बढ़ने की तत्काल आवश्यकता है।

    उन्होंने कहा, ”दूसरा, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि लंबी मौखिक दलीलों के कारण न्यायिक परिणामों में असीम देरी न हो। तीसरा, कानूनी पेशे में आए पहली पीढ़ी के वकीलों चाहे पुरुष हो या महिलाएं या हाशिए पर रहने वाले अन्य लोग को समान अवसर प्रदान करना चाहिए, जिनके पास इच्छाशक्ति और सफल होने की क्षमता है।”

    न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, ”चौथा, लंबी छुट्टियों पर बातचीत शुरू करें और इसपर चर्चा करें कि क्या वकीलों और न्यायाधीशों के लिए लचीले समय जैसे विकल्प संभव हैं।” उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, सिक्किम, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे कई राज्यों में आयोजित जूनियर सिविल जजों की भर्ती परीक्षा में चयनित उम्मीदवारों में से 50 प्रतिशत से अधिक महिलाएं थीं। प्रधान न्यायाधीश ने हाल ही में उच्चतम न्यायालय द्वारा रिकॉर्ड संख्या में महिलाओं को ‘वरिष्ठ अधिवक्ता’ का दर्जा दिए जाने पर भी प्रकाश डाला।

    उन्होंने कहा, ”हम, न्यायाधीश और प्रशासन के रूप में, बढ़ती आकांक्षाओं से अनभिज्ञ नहीं रह सकते।” उन्होंने कहा, ”2024 की शुरुआत से पहले उच्चतम न्यायालय के पिछले 74 साल के इतिहास में केवल 12 महिलाओं को ‘वरिष्ठ अधिवक्ता’ के रूप में नामित किया गया था। 

    पिछले हफ्ते, उच्चतम न्यायालय ने देश के विभिन्न हिस्सों से 11 महिलाओं को ‘वरिष्ठ अधिवक्ता’ के रूप में नामित किया।” अपने संबोधन में सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा,” हमारी व्यवस्था में आबादी के विभिन्न वर्गों का समावेश करने से हमारी वैधता कायम रहेगी।

    इसलिए, हमें समाज के विभिन्न वर्गों को कानूनी पेशे में लाने के लिए और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है।” उन्होंने कहा, ” उदाहरण के लिए, बार और पीठ दोनों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का प्रतिनिधित्व काफी कम है।”

    सुप्रीम कोर्ट परिसर में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय कानून और न्याय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, शीर्ष अदालत और उच्च न्यायालयों के सेवारत और सेवानिवृत्त न्यायाधीश और वकील और कानून के छात्र भी शामिल हुए।

    अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी, बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आदिश सी अग्रवाल ने भी सभा को संबोधित किया। इस कार्यक्रम में बांग्लादेश, भूटान, मॉरीशस, नेपाल और श्रीलंका के प्रधान न्यायाधीश भी शामिल हुए। 

    Related Posts

    जन्म के कुछ दिन बाद ही निर्दयी पिता ने जुड़वां बेटियों की हत्या की, मां ने कराया मामला दर्ज

    June 24, 2024

    पहली ही बारिश में राम मंदिर की छत से टपकने लगा पानी, रामपथ सहित कई जगह सड़कें भी धंसी

    June 24, 2024

    पीएम मोदी बोले- 25 जून को लोकतंत्र पर काला धब्बा लगा था, अब कोई ऐसा नहीं कर सकेगा

    June 24, 2024

    कर्नाटक हाईकोर्ट ने पॉक्सो केस में घटाई आजीवन कारावास की सजा

    June 24, 2024

    असम में मुख्य नदियों का जल स्तर घटा

    June 24, 2024

    उत्तराखंड : अगले तीन दिनों तक भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी

    June 24, 2024
    Add A Comment
    Leave A Reply Cancel Reply

    विज्ञापन
    विज्ञापन
    अन्य ख़बरें

    राम मंदिर में गूंजा नारा, छत्तीसगढ़ के भांचा राम, जय श्री राम, जय श्री राम

    July 16, 2024

    प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरूस्त रखने में मितानिन बहनों का बहुत बड़ा योगदान: सीएम साय

    June 24, 2024

    महिलाओं को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने के लिए बनेगा महतारी सदन

    June 24, 2024

    नम आंखों से शैलेन्द्र और विष्णु को दी गई श्रद्धांजलि, गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम विदाई

    June 24, 2024
    हमारे बारे में

    यह एक हिंदी वेब न्यूज़ पोर्टल है जिसमें ब्रेकिंग न्यूज़ के अलावा राजनीति, प्रशासन, ट्रेंडिंग न्यूज, बॉलीवुड, खेल जगत, लाइफस्टाइल, बिजनेस, सेहत, ब्यूटी, रोजगार तथा टेक्नोलॉजी से संबंधित खबरें पोस्ट की जाती है।

    Disclaimer - समाचार से सम्बंधित किसी भी तरह के विवाद के लिए साइट के कुछ तत्वों में उपयोगकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत सामग्री ( समाचार / फोटो / विडियो आदि ) शामिल होगी स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक इस तरह के सामग्रियों के लिए कोई ज़िम्मेदार नहीं स्वीकार करता है। न्यूज़ पोर्टल में प्रकाशित ऐसी सामग्री के लिए संवाददाता / खबर देने वाला स्वयं जिम्मेदार होगा, स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक की कोई भी जिम्मेदारी नहीं होगी.

    हमसे सम्पर्क करें
    संपादक - संजीव (मनी) नायर
    ऐडिटर - आशा
    मोबाइल - 9407623325
    ईमेल - -dainikajayujala7@gmail.com
    कार्यालय - वार्ड नंबर 14 आमापारा बालोद
    June 2025
    M T W T F S S
     1
    2345678
    9101112131415
    16171819202122
    23242526272829
    30  
    « Jul    
    Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
    • Home
    • About Us
    • Contact Us
    • MP Info RSS Feed
    © 2025 ThemeSphere. Designed by ThemeSphere.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.